यूपी एलटी ग्रेड सिलेबस जीव विज्ञान (UP LT Grade Teacher Exam Syllabus Biology in Hindi) - उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने सहायक अध्यापक प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी (पुरुष एवं महिला शाखा) परीक्षा 2025 के लिए विस्तृत नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें परीक्षा की योजना और विषयवार सिलेबस जारी किया गया है। परीक्षा दो चरणों में आयोजित की जाएगी। प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा। यूपी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2025 की योजना और जीव विज्ञान के विस्तृत सिलेबस को जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
यूपीपीएससी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए 28 जुलाई 2025 को आवेदन जारी कर दिया। उम्मीदवार ऑनलाइन आवेदन और परीक्षा शुल्क 28 अगस्त तक जमा कर सकते हैं। यूपी लाइसेंटिएट शिक्षक ग्रेड परीक्षा का आयोजन नवंबर 2025 में होगा। यूपी एलटी ग्रेड टीचर आवेदन पत्र के साथ ही आयोग ने एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा सिलेबस, परीक्षा पैटर्न, अंकन योजना और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती अधिसूचना में दी है।
यूपी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती 2025 आवेदन पत्र
यूपी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा सिलेबस में मुख्य रूप से दो चरण प्रारंभिक परीक्षा और मुख्य परीक्षा शामिल हैं। सहायक अध्यापक प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी के लिए यूपी एलटी ग्रेड जीव विज्ञान सिलेबस 2025 जानने के लिए, इस लेख को विस्तार से पढ़ें।
मुख्य बिंदु | विवरण |
परीक्षा का नाम | उत्तर प्रदेश लाइसेंसधारी ग्रेड शिक्षक/ यूपी एलटी शिक्षक ग्रेड (Uttar Pradesh Licentiate Teacher Grade) |
रिक्तियों की संख्या | 7466 (पुरुष - 4860, महिला - 2525, बैकलॉग - 81) |
परीक्षा संचालक | उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग |
आवेदन की तिथि | 28 जुलाई से 28 अगस्त 2025 |
आधिकारिक वेबसाइट | https://uppsc.up.nic.in/ |
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यूपी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रथम चरण में प्रारंभिक परीक्षा होगी। इसमें वस्तुनिष्ठ 150 प्रश्न पूछे जाएंगे। इस पेपर में सामान्य अध्ययन के 30 प्रश्न और प्रत्येक वैकल्पिक मुख्य विषय से 120 प्रश्न होंगे। प्रत्येक प्रश्न 2 अंक के होंगे यानी कुल 300 अंकों का पेपर होगा। प्रश्न पत्र हल करने के लिए 2 घंटे की समयावधि होगी। प्रथम चरण की परीक्षा पास करने वाले अभ्यर्थी द्वितीय चरण की मुख्य परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
यूपी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती विस्तृत अधिसूचना
मुख्य इवेंट्स | यूपी एलटी ग्रेड शिक्षक तारीखें |
यूपी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती अधिसूचना | 28 जुलाई 2025 |
यूपी एलटी ग्रेड शिक्षक आवेदन 2025 | 28 जुलाई 2025 |
यूपी एलटी ग्रेड शिक्षक आवेदन अंतिम तिथि | 28 अगस्त 2025 |
यूपी एलटी शिक्षक ग्रेड आवेदन सुधार अंतिम तिथि | 4 सितंबर 2025 |
यूपी एलटी ग्रेड शिक्षक परीक्षा एडमिट कार्ड | सूचित किया जाएगा |
यूपी एलटी ग्रेड शिक्षक परीक्षा 2025 | सूचित किया जाएगा |
यूपी एलटी ग्रेड शिक्षक परीक्षा परिणाम | सूचित किया जाएगा |
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उत्तर प्रदेश स्नातक स्तर शिक्षक भर्ती परीक्षा का सिलेबस आधिकारिक अधिसूचना के साथ जारी किया गया है। यूपी एलटी ग्रेड शिक्षक सिलेबस (UP LT grade teacher syllabus in hindi) में पेपर 1 सामान्य अध्ययन के लिए और पेपर 2 मुख्य विषय के लिए है। इस लेख में नीचे जीव विज्ञान के जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान का विस्तृत सिलेबस प्रदान किया गया है।
(1) भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलनः- भारतीय इतिहास के अन्तर्गत सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक पक्षों की सामान्य जानकारी पर महत्व होगा। भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन पर अभ्यर्थियों से स्वतंत्रता आन्दोलन, राष्ट्रीयता का अभ्युदय तथा स्वतंत्रता प्राप्ति के सम्बन्ध में सारपरक जानकारी अपेक्षित है।
(2) भारत एवं विश्व का भूगोल, भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोलः- भारत के भूगोल के अन्तर्गत देश के भौतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल से सम्बन्धित प्रश्न होंगे। विश्व भूगोल में विषय की केवल सामान्य जानकारी अपेक्षित होगी।
(3) भारतीय राजनीति एवं शासन, संविधान, राजनीतिक, व्यवस्था, पंचायती राज, लोकनीति एवं
अधिकारिक मुद्दे आदिः- भारतीय राजनीति एवं शासन के अन्तर्गत देश के संविधान, पंचायती राज तथा सामुदायिक विकास सहित राजनीतिक प्रणाली के ज्ञान से सम्बन्धित प्रश्न होंगे।
(4) भारतीय अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक विकासः- अभ्यर्थियों के जनसंख्या, पर्यावरण तथा नगरीकरण से
सम्बन्धित समस्याओं एवं पारस्परिक सम्बन्ध, भारतीय आर्थिक नीति एवं भारतीय संस्कृति के व्यापक स्वरूप के ज्ञान का परीक्षण किया जायेगा।
(5) राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनायेंः- इसमें खेलकूद के प्रश्न भी सम्मिलित होंगे।
(6) भारतीय कृषिः- भारत में कृषि, कृषि उत्पाद एवं उसके विपणन के सम्बन्ध में सामान्य जानकारी की अपेक्षा अभ्यर्थियों से होंगी।
(7) सामान्य विज्ञानः- सामान्य विज्ञान के प्रश्न दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से सम्बन्धित विषयों सहित विज्ञान के
सामान्य परिबोध एवं जानकारी पर आधारित होंगे, जिसकी ऐसे किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है। इसमें भारत के विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका से सम्बन्धित प्रश्न भी होंगे।
(8) प्रारम्भिक गणित हाईस्कूल स्तर तकः- अंकगणित, बीजगणित व रेखागणित।
अभ्युक्तिः- अभ्यर्थियों से यह अपेक्षित होगा कि उत्तर प्रदेश के विशेष परिप्रेक्ष्य में उपर्युक्त विषयों का उन्हें सामान्य परिचय हो।
संगत पाठ्यक्रम के आधार पर वैकल्पिक मुख्य विषयों के प्रश्नपत्रों की रचना हेतु प्रश्नपत्रों के स्वरूप एवं अंकों का विभाजन निम्नवत् है।-
1- मुख्य परीक्षा के सभी प्रश्न अनिवार्य होंगे तथा वे दो खण्डों में विभाजित रहेंगे। प्रश्नों की कुल संख्या
खण्डवार निम्नवत होंगेः-
खंड अ के अन्तर्गत 10 प्रश्न, लघु उत्तरीय (उत्तरों की शब्द सीमा 125) एवं प्रत्येक प्रश्न 08 अंक का होगा।
खंड ब के अन्तर्गत 10 प्रश्न, दीर्घ उत्तरीय (उत्तरों की शब्द सीमा 200) एवं प्रत्येक प्रश्न 12 अंक का होगा।
प्रारम्भिक एवं मुख्य परीक्षा हेतु विज्ञापन में विषयवार मुद्रित पाठ्यक्रम एक समान रहेगा।
सहायक अध्यापक, प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी (पुरुष/महिला) तथा दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के अन्तर्गत सहायक अध्यापक पद हेतु विषयवार पाठ्यक्रम विज्ञान
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1– वर्गीकरण के सिद्धान्त, जाति और उपजाति की धारणा, द्विपद नाम पद्धति
2– निम्नलिखित संघो का वर्गीकरण तथा विशिष्ट लक्षणः प्रोटोजोआ, पोरीफेरा, निडेरिया, टीनोफोरा, प्लेटीहेलमिन्थेस, एस्कहेलमिन्थेस, ऐनेलिडा, आर्थोपोडा, मोलस्का, इकाइनोडरमेटा तथा कॉर्डेटा
3- निम्नलिखित संघो के प्रतिनिधियों की सामान्य संरचना तथा जीवन चक्रः
(i) प्रोटोजोआ-एन्टअमीबा, युग्लिना, प्लाजमोडियम एवं पैरामिशियम (ii) पोरीफेरा लयूकोसोलेनिया एवं साइकॉन (iii) निडेरिया- हाइड्रा, औरेलिया एवं ओबेलिया (iv) टीनोफोरा-प्ल्यूरोब्रैकिया (v) प्लेटीहेलमिन्थेस-फैसिओला एवं टीनिया (vi) एस्कहेलमिन्थेस- ऐसकैरिस (vii) ऐनेलिडा-नेरिस, फेरिटिमा एवं हिरूडिनेरिया (viii) आर्थोपोडा-कॉकरोच, मस्का, मच्छर एवं प्रॉन (ix) मोलस्का-युनिओ एवं पाइला (x) इकाइनोडरमेटा-तारा मछली तथा (xi) कॉर्डेट-हर्डमानिया, एम्फियॉक्सस, स्कोलियोडॉन, राना, युरोमेस्ट्रिक्स, कोलम्बा एवं खरगोश।
4- निम्नलिखित का संक्षिप्त ज्ञानः- (i) प्राेटाेजाेआ तथा उनके द्वारा उत्पन्न राेग, (ii) निडेरिया में बहुरूपता
(iii) हेलमिन्थेस तथा रोग (iv) हानिकारक और लाभप्रद कीट (v) विषैले तथा विषहीन सांप (vi) स्तनधारियों का आर्थिक महत्व।
5– प्रोकैरियोटिक और यूकैरियोटिक कोशिका, जन्तु कोशिका की सूक्ष्म संरचना, कोशिकांगो के कार्य, गुणसूत्र के प्रकार, जीन की संरचना तथा आनुवंशिक कूट, समसूत्री एवं अर्धसूत्री कोशिका विभाजन ।
6– मेन्डेल के वंशागति के नियम, सहलग्नता एवं जीन विनिमय, सुजननिकी, जैव विकास, जैव विकास के प्रमाण, जैव विकास के सिद्धांत, लेमार्कवाद, निओ-लेमार्कवाद, डार्विनवाद, निओ-डार्विनवाद, विकास की क्रिया विधि, उत्परिवर्तन, कालांतर में विकास, मानव का विकास ।
7- पारिस्थितिकी - पारिस्थिति तन्त्र के अवयव तथा प्रमुख पारिस्थिति तन्त्र, पर्यावर्णीय प्रदूषण।
8- निम्न का प्रारंभिक ज्ञानः- (i) पाचन क्रिया (ii) श्वसन क्रिया (iii) रूधिर एवं परिसंचरण (iv) उत्सर्जन
(v) तंत्रिकीय संचारण (vi) मांसपेशी में संकुचन (vii) अन्तःस्त्रावी ग्रंथि तथा उनके कार्य।
9- निम्नलिखित की विशेषता तथा वर्गीकरणः- (i) कार्बाेहाइड्रेट्स (ii) प्राेटीन्स (iii) वसा (iv) एंजाइम तथा
(v) हार्मोंस
10- युग्मक- जनन, डिम्ब के प्रकार और विदलन, एम्फियॉक्सस, मेंढक एवं कुक्कुट का भू्रणीय परिवर्धन, स्तनियों में अपरा
11- जैवभूगोल, प्राणिभौगोलिक परिमंडल एवं उनके विशिष्ट प्राणी
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विषाणु- परिभाषा, प्रकृति, पारगमन, टी०एम०वी० की संरचना, बैक्टिरियोफेज, बाइरायड्स, प्रियान्स, विषाणुओं के आर्थिक महत्व ।
जीवाणु - जीवाणु कोशा की संरचना, पोषण, प्रजनन और आर्थिक महत्व
कवक- सामान्य लक्षण, संरचना, पोषण, प्रजनन और कवकों का आर्थिक महत्व, वर्गीकरण (ऐलेक्सोपोलस और मिम्स), विभिन्न वर्गों के विशिष्ट लक्षण।
रायजोपस, पीथियम, एल्बूगो, एस्परजीलस, एगैरिकस, पक्सीनिया, अस्टीलागों एवं अल्टरनेरियां के सरंचना और
जीवनचक्र ।
शैवाल - सामान्य लक्षण, वर्गीकरण, विभिन्न वर्गों के विशिष्ट लक्षण, शैवाल वर्णक एवं शैवालों का आर्थिक महत्व।
क्लैमाइडोमोनास, वालवाक्स, उडोगोनिया, वाउचेरिया, कारा, एक्टोकार्पस, बैट्राकोस्पर्मम, पालीसाइफोनिया और नील हरित शैवाल (नास्टाक और एनाबिना) के संरचना और जीवनचक।
लाइकेन - प्रकृति, प्रकार, संरचना, प्रजनन एवं आर्थिक महत्व
ब्रायोफाइट्स- सामान्य लक्षण, वर्गीकरण, विभिन्न वर्गों का विशिष्ट लक्षण, प्रजनन और ब्रायोफाइट्स का आर्थिक महत्व। रिक्सिया, मारकेन्सिया, एन्थोसेरास और फ्यूनिरिया के संरचना और जीवनचक।
टैरिडोफाइट्स- सामान्य लक्षण, वर्गीकरण, विभिन्न वर्गों का विशिष्ट लक्षण, रम्भीय तंत्र और टैरिडोफाइट्स का
आर्थिक महत्व। लाइकोपोडियम, सिलेजिनेला, इक्बीसीटम और मार्सिलया के संरचना और जीवनचक । हेट्रोस्पोरी एवं बीजीय स्वभाव।
अनावृतबीजी- सामान्य लक्षण और सजातीयता, जीवन चक, वर्गीकरण विभिन्न वर्गों के विशिष्ट लक्षण, वितरण एवं आर्थिक महत्व साइकस, पाइनस एवं इफेड्रा के संरचना और जीवनचक्र।
जीवाश्म विज्ञान - जीवाश्म, प्रकार, जीवाश्मीकरण, भू वैज्ञानिक समय सारणी एवं इसका महत्व। राइनिया का संरचना एवं प्रजनन।
आवृत्तबीजी वार्णिकी - द्विनाम पद्वति, बेन्थम एवं हूकर का वर्गीकरण पद्वति, महत्वपूर्ण वनस्पतिक उद्यान और हरबेरिया। रैननकुलेसी, पापावरेसी, ब्रैसिकेसी, मालवेसी, फैबेसी, रोजेसी, कुकुरबिटेसी, एपीएसी, एस्टरेसी, रूबीएसी, एपोसायनेसी, सोलोनेसी एकैंथेसी, लैमिएसी, यूफोब्रिएसी, लिलिएसी एवं पोएसी कुलों के विशिष्ट विशेषताएं ।
आवृत्तबीजी आन्तरिकी- ऊतक एवं ऊतक तंत्र, असामान्य द्वितीयक वृद्धि, जड़ एवं तनें की आन्तरिकी टिनोस्पोरा जड़, ड्रेसिना तना, बिगनोनिया तना, बोरहाविया तना और निक्टैन्थिस तना के आन्तरिक संरचना ।
आर्थिक वनस्पति विज्ञान- इमारती लकड़ी, रेशे, तेल, औषधीय पौधे, पेय, मसाले, पैदा करने वाले पौधे ।
भ्रौणिकी- पुमंग की संरचना, लघु बीजाणुजनन और नर युग्मकोभिदी का विकास, बीजाण्ड की सरंचना दीर्घ बीजाणुधानी का विकास, भ्रूणपोश का विकास एवं संगठन, परागण, प्रजनन, भ्रूण का विकास, पारथनोकार्पी, एपोमिकसिस एवं बहु भ्रूणता।
कोशिका विज्ञान - पादप कोशिकीय संरचना और उसके विभिन्न कोशिकांगो का अध्ययन, कोशिका विभाजन और कोशिका चक ।
आनुवंशिकी- गुणसूत्र की संरचना, कोमोसोमल एबीरेसन आनुवंशिकता का नियम, जीन इन्टेक्शन, सहलग्नता, जीन विनिमय, उत्परिवर्तन एवं पालीपोलाइडी।
पादप शरीर क्रिया विज्ञान- जल का अवशोषण, रसारोहण, वाष्पोसर्जन, खनिज लवण पोषण और कमी, प्रकाश संश्लेशण, श्वसन, पादप हारमोन्स, वर्नेलाइजेशन, बीजो का अंकुरण एवं संसुप्ता, नाइट्रोजन चक्र, दीप्त कालिता
जैव रसायन विज्ञान- कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन्स, लिपिड, न्यूक्लिक अम्ल और एनजाइम्स का वर्गीकरण, गुण और जैविक महत्व
पर्यावरणीय वनस्पति विज्ञान- पर्यावरणीय कारक, मृदा संरक्षण पौधो में परिस्थितिक अनुकूलन, परिस्थितिक पिरैमिड्स, खाद्य श्रृखंला एवं खाद्यजाल पारिस्थितिकीतंत्र, पादप अनुक्रमण, प्रदूषण, पादप समुदाय और जैव विविधता, इनसीटू और एक्ससीटू संरक्षण।
पादप रोग विज्ञान - जीवाणु, कवक और विषाणु जनित रोगों का सामान्य लक्षण। पादप रोगों के नियंत्रण के विभिन्न प्राविधियाँ।
आलू का पीछेती झुलसा, आलू का अगैति झुलसा, कुरूसीफेरी का व्हाइट- रस्ट गेहूँ का किट्ट रोग, गेहूँ का लूजस्मट, सिट्रस कैंकर, बैंगन का लिटिल लीफ्स और भिन्डी का एलो वेन मूजैक बिमारियों के लक्षण, रोग चक और नियंत्रण।
जैव प्रौद्योगिकी एवं आनुवंशिक अभियंत्रिकी- मानव कल्याण में महत्व, वेक्टर रिकामबिनेन्ट डीएनए तकनीक, परजीनी पौधे टिशू कल्चर, बायोपेस्टिीसाइड्स और जैव उर्वरक ।
आणविक जैव विज्ञान - जीन कन्सेप्ट, आनुवांशिक कूट, न्यूक्लिक अम्ल, डीएनए का विखण्डन, जीन एक्प्रेशन एवं रेग्युलेशन।
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Application Correction Date:01 August,2025 - 28 August,2025