झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा जेएसएससी एएनएम भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। झारखंड एएनएम भर्ती परीक्षा (JANMCE) की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों को एएनएम परीक्षा सिलेबस को अवश्य देखना चाहिए। प्राधिकरण ने 11 अगस्त 2025 को महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा (एएनएमसीई) के लिए जेएएनएमसीई अधिसूचना और आवेदन जारी किया था। जेएएनएम अधिसूचना के साथ ही एएनएम सिलेबस भी जारी किया गया था जिसे उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट jssc.jharkhand.gov.in से डाउनलोड कर सकते हैं।
झारखंड एएनएम का पाठ्यक्रम मुख्य रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य नर्सिंग, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, बाल स्वास्थ्य और प्रसूति विज्ञान (Midwifery) जैसे कोर नर्सिंग विषयों पर केंद्रित है। परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए उम्मीदवारों को प्रत्येक खंड पर ध्यान देना चाहिए। उम्मीदवारों की सुविधा के लिए इस लेख में एएनएम सिलेबस के हर खंड की जानकारी दी गई है।
झारखंड एएनएम आवेदन की तिथि 11 अगस्त से 15 सितंबर 2025 थी। जल्द ही एएनएम परीक्षा तिथि और एएनएम एडमिट कार्ड आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया जाएगा।

जेएसएससी झारखंड एएनएम विषयवार सिलेबस
जेएएनएम लिखित परीक्षा में आमतौर पर स्वास्थ्य संवर्धन, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, बाल स्वास्थ्य नर्सिंग, मिडवाइफरी, स्वास्थ्य केंद्र प्रबंधन आदि जैसे क्षेत्रों से 50 प्रश्न शामिल होते हैं। झारखंड एएनएम सिलेबस के अनुसार, एएनएमसीई 2025 में स्वास्थ्य संवर्धन, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, बाल स्वास्थ्य देखभाल, मिडवाइफरी (दाई का काम) और स्वास्थ्य केंद्र प्रबंधन से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे। एएनएम सिलेबस को उम्मीदवार नीचे बिंदुवार समझ सकते हैं।
झारखंड एएनएम सिलेबस - स्वास्थ्य संवर्धन
पोषण: आवश्यक पोषक तत्व, पोषण संबंधी समस्याएं, पोषण मूल्यांकन, पोषण संवर्धन।
मानव शरीर और स्वच्छता: मानव शरीर, शरीर की स्वच्छता, शरीर का इष्टतम कार्य।
पर्यावरणीय स्वच्छता - पर्यावरणीय स्वच्छता, सुरक्षित जल, मल और अपशिष्ट का निपटान, सामुदायिक भागीदारी।
मानसिक स्वास्थ्य - मानसिक स्वास्थ्य, कुसमायोजन, मानसिक रोग, वृद्धावस्था देखभाल।
झारखंड एएनएम सिलेबस - प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल
संक्रमण और टीकाकरण - रोग की अवधारणा, संक्रमण, प्रतिरक्षा और शरीर की सुरक्षा
तंत्र, टीकाकरण, नमूना संग्रह (सिद्धांत और विधियां), कीटाणुशोधन और जीवाणुशोधन, अपशिष्ट निपटान।
संचारी रोग - संचारी रोगों का परिचय, संचारी रोग, संचारी रोगों में देखभाल, महामारी प्रबंधन।
सामुदायिक स्वास्थ्य समस्याएं - समुदाय में बीमारों की देखभाल, बुखार (महत्वपूर्ण लक्षण),
श्वसन संबंधी समस्याएं (प्रकार और वर्गीकरण), दर्द और पीड़ा (नर्सिंग प्रबंधन), पाचन
समस्याएं, मूत्र संबंधी समस्याएं, हृदय संबंधी समस्याएं (संकेत और लक्षण), तंत्रिका तंत्र के रोग (तंत्रिका संबंधी समस्याएं, चयापचय संबंधी रोग, पेशी-कंकाल तंत्र के रोग, विकलांगता की देखभाल)।
प्राथमिक चिकित्सा देखभाल - दवाओं के प्रकार, दवाओं का प्रशासन, छोटी-मोटी बीमारियों में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं,सामान्य आपातकालीन दवाएं
प्राथमिक उपचार और रेफरल - प्राथमिक उपचार की आवश्यकता, छोटी-मोटी चोटें और बीमारियां, फ्रैक्चर, जीवन के लिए खतरा पैदा करने वाली स्थितियां।
झारखंड एएनएम सिलेबस - बाल स्वास्थ्य देखभाल

वृद्धि एवं विकास
शिशुओं और बच्चों का पोषण,
बाल अधिकार,
बीमार बच्चे की देखभाल,
स्कूली बच्चों की देखभाल,
स्कूल स्वास्थ्य,
किशोरों की देखभाल,
किशोरियों की देखभाल
झारखंड एएनएम सिलेबस - मिडवाइफरी (दाई का काम)
मानव प्रजनन तंत्र,
महिला श्रोणि और भ्रूण की खोपड़ी,
भ्रूण और प्लेसेंटा, सामान्य गर्भावस्था,
प्रसवपूर्व देखभाल,
सामान्य प्रसव,
सामान्य प्रसव के दौरान देखभाल,
सामान्य प्रसवोत्तर अवधि,
नवजात शिशु की देखभाल,
उच्च जोखिम वाले नवजात शिशु,
सुरक्षित मातृत्व,
उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाएं,
गर्भावस्था की असामान्यताएं,
गर्भपात,
असामान्य प्रसव,
असामान्य प्रसवोत्तर अवधि,
शल्य चिकित्सा हस्तक्षेप,
दाई के काम में प्रयुक्त दवाएं,
जीवन चक्र दृष्टिकोण,
महिलाओं की स्थिति और सशक्तिकरण,
महिला स्वास्थ्य समस्याएं,
आरटीआई और एसटीआई,
एचआईवी/एड्स,
बांझपन,
जनसंख्या
शिक्षा,
परिवार कल्याण।
झारखंड एएनएम सिलेबस - स्वास्थ्य केंद्र प्रबंधन
उप-केंद्र,
स्टॉक का रखरखाव,
समन्वय,
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों का कार्यान्वयन,
ज्ञान को अद्यतन करना।
झारखंड एएनएम परीक्षा पैटर्न 2025
जेएसएससी एएनएम परीक्षा संभवतः ओएमआर/सीबीटी मोड में आयोजित की जाएगी। परीक्षा एक चरण में ही यानी एक ही लिखित परीक्षा होगी। इसमें 50 अंक के वस्तुनिष्ठ प्रकार के 50 प्रश्न होंगे। प्रश्न पत्र हिंदी/अंग्रेजी दोनों भाषा में होगा। परीक्षा अवधि 1 घंटे की होगी। अंकन योजना के अनुसार, प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का होगा। इस लिखित परीक्षा में नकारात्मक अंकन का प्रावधान नहीं होगा।