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यूपीएससी मेन्स सिलेबस : संघ लोक सेवा आयोग द्वारा यूपीएससी आईएएस अधिसूचना के साथ आईएएस सिलेबस (IAS Syllabus in hindi) जारी कर दिया गया है। यूनियन पब्लिक सर्विस कमिशन द्वारा आईएएस मेन्स सिलेबस (IAS Mains Syllabus in hindi) को यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट upsc.gov.in पर जारी किया जाता है। उम्मीदवारों को यूपीएससी मेन्स परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने हेतु संपूर्ण यूपीएससी मेन्स सिलेबस PDF (upsc mains syllabus pdf in hindi) की जानकारी होना बेहद आवश्यक है।
यूपीएससी सिलेबस (upsc syllabus in hindi) मुख्यतः दो भागों में जारी किया जाता है - यूपीएससी प्रीलिम्स सिलेबस और यूपीएससी मेन्स सिलेबस 2024 (upsc mains syllabus 2024 in hindi)। गत वर्ष यूपीएससी मेन्स परीक्षा (UPSC Mains Exam in hindi) में लगभग 14 हजार उम्मीदवारों ने भाग लिया।
पिछले वर्ष की यूपीएससी मेन्स परीक्षा के प्रश्न पत्र डाउनलोड करें।
महत्वपूर्ण लेख :
यूपीएससी मेन्स परीक्षा में वैकल्पिक विषयों के अलावा कुल सात पेपर होते हैं। विस्तृत यूपीएससी आवेदन पत्र (UPSC Application Form in hindi) भरते हुए उम्मीदवारों को वैकल्पिक विषयों का चयन करना होता है। यूपीएससी मेन्स परीक्षा (UPSC Mains Exam in hindi) की बेहतर समझ प्राप्त करने के लिए उम्मीदवारों को हिंदी में यूपीएससी मेन्स सिलेबस पीडीएफ (upsc mains syllabus pdf in hindi) के साथ-साथ यूपीएससी परीक्षा पैटर्न (UPSC Exam Pattern in hindi) की भी समझ होना आवश्यक है।
उम्मीदवारों को यूपीएससी मेन्स सिलेबस 2024 (upsc mains syllabus 2024 in hindi) के माध्यम से यूपीएससी मेंस परीक्षा में पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण विषयों के आवश्यक अध्यायों की जानकारी मिलती है। उम्मीदवारों को यूपीएससी मेन्स सिलेबस पीडीएफ (upsc mains syllabus pdf in hindi) को कवर करने के बाद यूपीएससी के पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों (Previous Year UPSC Question Papers in hindi) के माध्यम से अभ्यास कर अपनी तैयारी का आकलन करना चाहिए।
ये भी देखें :
ऐसे उम्मीदवार जो हिंदी माध्यम से तैयारी करते हैं या फिर जिनकी अंग्रेजी भाषा पर पकड़ उतनी अच्छी नहीं होती, वे आमतौर पर इंटरनेट पर हिंदी में यूपीएससी सिलेबस पीडीएफ (upsc syllabus pdf in hindi) को ढूंढते हैं। इसके साथ ही उनकी तलाश आईएएस मेन्स परीक्षा के लिए हिंदी में यूपीएससी सिलेबस पीडीएफ (upsc mains syllabus pdf in hindi) को लेकर भी बनी रहती है। ऐसे सभी उम्मीदवारों व अन्य ऐसे उम्मीदवार जो यूपीएससी मेन्स सिलेबस हिंदी में (upsc mains syllabus in hindi) तलाश रहे हैं, वे इस लेख के माध्यम से यूपीएससी मेन्स सिलेबस पीडीएफ डाउनलोड (upsc mains syllabus pdf in hindi) करने के साथ-साथ यूपीएससी मेन्स परीक्षा पैटर्न (UPSC Mains Exam Pattern in hindi) के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यूपीएससी मेन्स सिलेबस 2024 हिंदी में (upsc mains syllabus 2024 in hindi) के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए सम्पूर्ण लेख को अंत तक पढ़ें।
निम्न तालिका की सहायता से उम्मीदवारों को यूपीएससी मेंस परीक्षा व यूपीएससी मेंस सिलेबस 2024 (UPSC Mains Syllabus 2024 in hindi) के बारे में संक्षिप्त रूप से जानकारी प्राप्त होगी।
परीक्षा का नाम | सिविल सेवा परीक्षा (यूपीएससी सीएसई) (Civil Services Exam (UPSC CSE) |
संचालक प्राधिकरण | संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) |
यूपीएससी मेन्स परीक्षा का मोड | ऑफलाइन (परीक्षा पैटर्न - वर्णनात्मक) |
यूपीएससी मेन्स परीक्षा में कुल पेपर | 09 (दो पेपर पात्रता सुनिश्चित करने के लिए होंगे, जिनके अंकों को मेरिट सूची तैयार करते वक्त जोड़ा नहीं जाएगा।) |
यूपीएससी मेन्स परीक्षा की अवधि | 3 घंटे (प्रत्येक पेपर) कुल 27 घंटे, विभिन्न दिनों में आयोजित किया जाएगा |
यूपीएससी मेन्स परीक्षा प्रश्नों के प्रकार | सब्जेक्टिव |
यूपीएससी आईएएस प्रारंभिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले उम्मीदवार यूपीएससी आईएएस की मुख्य परीक्षा में बैठने के पात्र होते हैं। यूपीएससी आईएएस मुख्य सिलेबस 2024 (UPSC Mains Syllabus 2024 in hindi) के अनुसार, दो वैकल्पिक पेपर सहित कुल नौ परीक्षा पेपर होंगे। उम्मीदवार द्वारा चुने गए वैकल्पिक विषय के बारे में विवरण का उल्लेख यूपीएससी आईएएस एडमिट कार्ड 2024 (UPSC Admit Card 2024 in hindi) पर किया जाएगा। नीचे यूपीएससी आईएएस मुख्य सिलेबस पीडीएफ (UPSC Mains Syllabus pdf in hindi) के बारे में विस्तृत जानकारी देखें।
जरूरी लेख : आईएएस की तैयारी कैसे करें?
उम्मीदवार विस्तृत यूपीएससी मेन्स सिलेबस (Detailed UPSC Mains Syllabus in hindi) नीचे देख सकते हैं। आप नीचे upsc mains subject list in hindi देख सकते है:
भारतीय विरासत और संस्कृति, इतिहास और विश्व का भूगोल एवं समाज विषय से जुड़े प्रश्न होंगे।
भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे।
महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबन्धित मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण उनकी समस्याएं और उनके रक्षोपाय।
भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव।
18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास - महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, विषय।
भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं, भारत की विविधता।
स्वतंत्रता संग्राम - इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान।
18 वीं शताब्दी की घटनाओं सहित दुनिया का इतिहास - औद्योगिक क्रांति, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनर्वितरण, विश्व युद्ध, उपनिवेशीकरण, विघटन, पूंजीवाद, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, समाजवाद आदि - समाज पर उनके रूप और प्रभाव।
स्वतंत्रता के पश्चात देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।
सामाजिक सशक्तीकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्म-निरपेक्षता।
विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएं।
विश्व भर में प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण
भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भूगोलीय विशेषताएं और उनके स्थान - अति महत्वपूर्ण भूगोलीय विशेषताओं (जल-स्रोत और आइसकैप सहित) और वनस्पति एवं प्राणी-जगत परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।
दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक क्षेत्र के स्थान के लिए जिम्मेदार कारक।
दुनिया के विभिन्न हिस्सों (भारत सहित) में उद्योग।
शासन व्यवस्था, संविधान शासन-प्रणाली, राजनीति, सामाजिक न्याय और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रश्न होंगे।
भारतीय संविधान - ऐतिहासिक आधार, विकास, संविधान की विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना।
संसद और राज्य विधायिका - संरचना, कार्य, कार्य संरचना, शक्तियां एवं विशेषाधिकार और इनसे जुड़े विषय।
कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य - सरकार के मंत्रालय एवं विभाग; प्रभावी समूह और औपचारिक / अनौपचारिक संघ और शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।
संघ एवं राज्यों के कार्य और उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियां, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।
विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियां, कार्य और उत्तरदायित्व।
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की प्रमुख विशेषताएं।
विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग - गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूह संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका।
केंद्र और राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन, इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र / सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।
सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
गरीबी और भूख से संबंधित विषय।
शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और संभावनाएं; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।
लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
भारत एवं उसके पड़ोसी-संबंध।
द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
भारत के हितों, भारतीय परिदृश्य पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियां तथा राजनीति का प्रभाव।
महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच - उनकी संरचना, अधिदेश।
इन्हें भी पढ़ें :
प्रौद्यौगिकी, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन से जुड़े प्रश्न नीचे दिए गए विषयों से होंगे -
आपदा और आपदा प्रबंधन
भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोजगार से संबंधित विषय।
समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय।
सरकारी बजट।
प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायत तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली - उद्देश्य, कार्य, सीमाएं, सुधार; बफर स्टॉक और खाद्य सुरक्षा के संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु-पालन संबंधी अर्थशास्त्र।
भारत में खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित उद्योग - गुंजाइश और महत्व, स्थान, अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम आवश्यकताओं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
मुख्य फसलें - देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न, - सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली-कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएं : किसानों की सहायता के लिए ई-प्रौद्योगिकी।
उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्यौगिक विकास पर इनका प्रभाव।
भारत में भूमि सुधार।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी - विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
बुनियादी ढांचा : ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि।
निवेश मॉडल।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण और नई प्रौद्योगिकी का विकास।
सुचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टेक्नोलॉजी, बायो-टेक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के क्षेत्र में जागरूकता।
संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध।
संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना।
आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्वों की भूमिका।
सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन - संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध।
विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएं तथा उनके अधिदेश।
यूपीएससी पाठ्यक्रम 2024 पीडीएफ (upsc syllabus 2024 pdf in hindi) के अनुसार प्रश्न नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा तथा अभियोग्यता पर आधारित-
नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध : मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र। मानवीय मूल्य - महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।
मानव मूल्य - महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन और शिक्षाओं से सबक; मूल्यों को विकसित करने में परिवार समाज और शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका।
सिविल सेवा के लिए अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षतावाद, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना।
अभिवृत्ति: सारांश (कंटेन्ट) संरचना, वृत्ति, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारणा।
सरकार एक ऐसे कार्यबल का प्रयास करती है जो लिंग संतुलन को दर्शाता है और महिला उम्मीदवारों को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। भावनात्मक खुफिया-अवधारणाएं, और प्रशासन और शासन में उनकी उपयोगिताओं और अनुप्रयोग।
लोक प्रशासनों में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्र: स्थिति तथा समस्याएं; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएं तथा दुविधाएं; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का शुद्धिकरण; अंतरराष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉर्पोरेट शासन व्यवस्था ।
भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों और दार्शनिकों के योगदान।
शासन व्यवस्था में ईमानदारी: लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, शासन और आवश्यकता के दार्शनिक आधार, नीतिपरक, आचार संहिता, सूचना का अधिकार, आचरण संहिता, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ।
उपयुक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडी)।
महत्वपूर्ण लेख :
यूपीएससी आईएएस मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवारों को अपना वैकल्पिक विषय चुनना होगा। नीचे उल्लिखित यूपीएससी आईएएस वैकल्पिक विषयों की सूची (upsc optional subject list in hindi) देखें।
कृषि (Agriculture) | प्रबंधन (Management) |
पशुपालन और पशु चिकित्सा विज्ञान (Animal Husbandry and Veterinary Science) | गणित (Mathematics) |
मनुष्य जाति का विज्ञान (Anthropology) | यांत्रिक अभियांत्रिकी (Mechanical Engineering) |
वनस्पति विज्ञान (Botany) | चिकित्सा विज्ञान (Medical Science) |
रसायन विज्ञान (Chemistry) | दर्शनशास्त्र (Philosophy) |
सिविल अभियांत्रिकी (Civil Engineering) | भौतिकी (Physics) |
वाणिज्य और लेखाशास्त्र (Commerce & Accountancy) | राजनीति विज्ञान और अंतर्राष्ट्रीय संबंध (Political Science & International Relations) |
अर्थशास्त्र (Economics) | मनोविज्ञान (Psychology) |
विद्युत अभियंत्रन (Electrical Engineering) | लोक प्रशासन (Public Administration) |
भूगोल (Geography) | नागरिक शास्त्र (Sociology) |
भूगर्भशास्त्र (Geology) | सांख्यिकी (Statistics) |
इतिहास (History) | प्राणी विज्ञान (Zoology) |
कानून (Law) | नीति (Ethics) |
यूपीएससी सिलेबस पीडीएफ (UPSC Syllabus pdf in Hindi) देखने व डाउनलोड करने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
जरूरी लेख : आरपीएससी आरएएस की तैयारी कैसे करें?
आईएएस सिलेबस (ias syllabus in hindi) की संपूर्ण जानकारी के अलावा उम्मीदवारों को यूपीएससी परीक्षा पैटर्न (UPSC Exam Pattern in hindi) की जानकारी भी होनी आवश्यक है। नीचे दिए गए यूपीएससी मेन्स परीक्षा पैटर्न (UPSC Mains Exam Pattern in hindi) के माध्यम से छात्रों को मेन्स परीक्षा के लिए आईएएस सिलेबस (ias syllabus in hindi) को कैसे कवर करना है, इसकी जानकारी प्राप्त होती है और साथ ही एक समझ विकसित होती है। निम्न तालिका में उपलब्ध आईएएस परीक्षा पैटर्न (IAS Exam Pattern in hindi) यूपीएससी मेन्स सिलेबस (upsc mains syllabus in hindi) पर आधारित है।
यूपीएससी परीक्षा पैटर्न (UPSC Exam Pattern)
यूपीएससी परीक्षा पैटर्न (UPSC Exam Pattern)
पेपर की संख्या | 9 |
पेपर का भाषा | English |
हिंदी | |
वर्णनात्मक पेपर | |
परीक्षा की अवधि | 3 घंटे प्रत्येक |
विषय | अनिवार्य भारतीय भाषा अंग्रेज़ी निबंध
|
प्रश्नों की संख्या | भाग A और B: 300 प्रत्येक सामान्य अध्ययन और वैकल्पिक पेपर: 250 प्रत्येक |
अधिकतम अंक | 1750 |
प्रीलिम्स के अभ्यास हेतु मुफ्त यूपीएससी मॉक परीक्षा (Free Practice UPSC Mock Tests for Prelims) -
यूपीएससी प्रारम्भिक परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाने के बाद उम्मीदवारों के लिए यूपीएससी आईएएस परीक्षा का अगला चरण आईएएस मेंस परीक्षा (IAS Main Exam) होती है, जिसके लिए यूपीएससी मैंस सिलेबस (UPSC Mains Syllabus in hindi) की जानकारी प्राप्त करने हेतु उसकी तैयारी भी महत्वपूर्ण हो जाती है। निम्नलिखित बिन्दुओं के माध्यम से उम्मीदवार यूपीएससी मेंस सिलेबस (UPSC Mains Syllabus in hindi) की तैयारी हेतु उपयोगी टिप्स प्राप्त कर सकते हैं -
Others:29 October,2024 - 28 November,2024
Application Correction Date:23 November,2024 - 29 November,2024
Steps to become an IAS officer
Graduation
You should have a bachelor's degree in any discipline from a known university
Arts: History, Geography, Political Science, Economics, Sociology
Science: Physics, Chemistry, Mathematics, Biology
Commerce: Economics, Accountancy, Business Studies
Preparation for UPSC Civil Services Examination:
Study the Syllabus: Learn the syllabus for Preliminary and Main exams.
Choose Elective Subjects: Take elective subjects that you enjoy and have expertise in
Study Material: Reference textbooks, handouts distributed during the coaching and internet resources.
Practice: Previous years' question paper, mock tests, etc
Coaching Institutes: Join a good coaching institute for formal guidance 3. UPSC Civil Services Examination:
Prelims Exam: An objective-type qualifying test that will make you eligible to appear in the Main examination.
Main Exam: Very subjective test which includes all subjects.
Interview: Personality test by a panel of experts.
Important Tips:
Start Early: Better preparation starts early.
Time Management: Manage your time very efficiently.
Consistency: Follow a regular study routine.
Stay Updated: Current affairs and news.
Seek Guidance: Who have an experience can be consulted upon for guidance.
Practice Regularly: Solve the previous year's paper and mock tests.
Stay Positive: Believe in yourself and work hard.
Hence, with these steps and dedication and perseverance, you're sure to achieve your end as an IAS officer.
Hello,
Yes, while IAS (Indian Administrative Services) preparation requires a graduation degree, here are steps you can take to start your IAS journey after completing your 11th standard (BiPC):
To get more help, you can visit : https://www.careers360.com/careers/ias-officer
Hope it helps 1
Hello there,
Becoming both an IAS officer and a doctor is achievable but requires dedication and clear planning, as each career has distinct educational and examination paths. Here’s a roadmap to help you achieve both:
1.
Complete Your MBBS to Become a Doctor
This dual career path is ambitious but can be very rewarding, allowing you to serve in both the medical and administrative fields.
I hope this answer helps you. If you have more queries then feel free to share your questions with us we will be happy to assist you.
Thank you and wishing you all the best for your bright future.
Hello aspirant, The answer to this question is no. Both of these areas require your complete commitment and dedication. You can not manage both of these together. Also it is not allowed to do any other profession while performing duties as a IAS officer. If you want to practice medical profession then you have to leave your job.
Thank you
Hope it helps you.
Hello,
When choosing an IAS coaching institute, it's important to consider factors such as faculty quality, study materials, success rate, infrastructure, fees, and student support. Here are some highly regarded IAS coaching institutes in India:
Hope it helps !
Accepted by more than 11,000 universities in over 150 countries worldwide
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